ग्वालियर। पशुपालन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने बानमोर में ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ मुरैना द्वारा संचालित दुग्ध संयंत्र एवं रायरू में शासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र का मंगलवार को अवलोकन कर संचालित गतिविधियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस दौरान श्री भीकम सिंह यादव, जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष श्री केदार सिंह किरार, जिला पंचायत सदस्य श्री सोनी धाकड़, घाटीगाँव के ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र सिंह गुर्जर, सदस्य उम्मेद सिंह, अतर सिंह, दशरथ सिंह यादव, श्री पी सी बघेल, पशुपालन विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. अशोक तोमर, डॉ. नागेन्द्र राजपूत, दुग्ध संयंत्र के प्रबंधक श्री डी के शुक्ला आदि उपस्थित थे।
पशुपालन मंत्री श्री लाखन सिंह ने शासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र का अवलोकन कर मशीनों द्वारा कड़कनाथ, आरआईआर और चेपब्रो प्रजाति की मुर्गियों के अण्डों से चूजे निकालने की प्रक्रिया को देखा। श्री यादव ने कहा कि ऐसे परिवार जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, वह कड़कनाथ एवं आरआईआर प्रजाति की मुर्गियों के चूजे पालकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। इन प्रजातियों की मुर्गी पालन हेतु विभिन्न माध्यमों से हितग्राहियों को जानकारी देकर प्रोत्साहित करें।
इस दौरान प्रक्षेत्र के प्रबंधक डॉ. नागेन्द्र राजपूत ने बताया कि प्रक्षेत्र में कड़कनाथ, आरआईआर एवं चेपब्रो प्रजाति के मुर्गे एवं मुर्गी पालन करने के साथ इन प्रजातियों की मुर्गियों के अंडों से विशेष मशीन द्वारा 21 दिन में चूजे निकल रहे हैं। उन्होंने बताया कि 18 दिन तक अंडों को मशीन में सेहकर निर्धारित तापमान दिया जाता है। इसके पश्चात तीन दिन हेचर होने पर मुर्गी का चूजा प्राप्त होता है। इन चूजों को अनुकूल वातावरण देकर देखरेख की जाती है। डॉ. नागेन्द्र राजपूत ने बताया कि इस फार्म में 6 से 7 हजार मुर्गे एवं मुर्गियां हैं। उन्होंने बताया कि प्रक्षेत्र द्वारा तैयार किए गए चूजे ग्वालियर एवं चंबल संभाग में सप्लाई किए जा रहे हैं।
पशुपालन मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने बामौर में दुग्ध संयंत्र का अवलोकन कर अधिकारियों को दुग्ध संयंत्र की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए। श्री यादव ने संयंत्र का अवलोकन करते हुए दूध की पैकिंग, पाउडरप्लांट, क्वालिटी कंट्रोल लैब, कलेक्शन डॉक, आरएसआरडी का भी अवलोकन कर जानकारी ली। उन्होंने इस दौरान किसान ट्रेनिंग सेंटर को भी देखा। भ्रमण के दौरान श्री डी के शुक्ल ने बताया कि उक्त दुग्ध संयंत्र की 10 टन पाउडर प्रतिदिन बनाने की क्षमता है। उन्होंने संयंत्र में संचालित गतिविधियों की जानकारी भी दी।